श्रावण माह के दूसरे सोमवार को बाबा बैद्यनाथ धाम में आस्था और भक्ति का अनुपम संगम देखने को मिला। इस पावन अवसर पर बाबा मंदिर परिसर में बेलपत्रों की भव्य और कलात्मक प्रदर्शनी लगाई गई, जिसने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ मंदिर परिसर में उमड़ पड़ी थी। बेलपत्रों से सजाए गए विविध अलौकिक स्वरूपों ने न केवल भक्तों का ध्यान खींचा, बल्कि उनमें आस्था की गहराई को भी और प्रबल कर दिया। कहीं बेलपत्रों से बने त्रिशूल, कहीं 'ॐ नमः शिवाय' की कलाकृति, तो कहीं बेलपत्रों से सजा बाबा का सिंहासन – हर प्रस्तुति में भक्ति और रचनात्मकता का अनूठा समागम देखने को मिला।

श्रद्धालुओं ने इसे एक अद्वितीय अनुभव बताया। कई भक्तों ने कहा कि उन्होंने ऐसा दृश्य पहली बार देखा और यह अनुभव जीवनभर याद रहेगा। मंदिर प्रशासन द्वारा की गई इस विशेष पहल को लोगों ने खूब सराहा, वहीं सुरक्षा और व्यवस्था भी चुस्त दुरुस्त रही।

श्रावण मास में बाबा बैद्यनाथ की पूजा और बेलपत्र अर्पण का विशेष महत्व होता है। इस भव्य प्रदर्शनी ने न केवल शिवभक्तों की आस्था को नया आयाम दिया, बल्कि श्रावण के उत्सव को और भी विशेष बना दिया।

यह रिपोर्ट पर्यावरणविद् श्री देवेंद्र चरण द्वारी द्वारा दी गई है।
