
भारत के गौरव, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष मिशन से सफलतापूर्वक लौट आए हैं। स्पेसएक्स की क्रू कैप्सूल "Grace", जिसमें ग्रुप कैप्टन शुक्ला समेत चार सदस्य सवार थे, ने भारतीय समयानुसार दोपहर 3 बजे के बाद कैलिफोर्निया के सैन डिएगो तट के पास समुद्र में सुरक्षित लैंडिंग की। करीब 50 मिनट बाद उन्हें कैप्सूल से बाहर निकाला गया। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि वे 17 अगस्त को दिल्ली लौटेंगे।

ग्रुप कैप्टन शुक्ला भारतीय वायुसेना के पायलट हैं और विंग कमांडर राकेश शर्मा (1984) के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। यह उपलब्धि भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

इस मिशन को Axiom Space ने NASA और ISRO के सहयोग से अंजाम दिया, जिसकी लागत भारत को लगभग 70 मिलियन डॉलर पड़ी। कंपनी के अनुसार, 433 घंटे, 18 दिन, और 288 पृथ्वी की परिक्रमाओं के बाद Ax-4 मिशन की टीम सफलतापूर्वक धरती पर लौटी। शुक्ला के साथ अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोश उजनांस्की और हंगरी के तिबोर कपु भी शामिल थे।

इस मिशन ने भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए ऐतिहासिक क्षण रचा — ये देश चार दशकों बाद अपने राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेज पाए और उन्होंने पहली बार ISS पर रहकर काम किया। मिशन के दौरान शुक्ला ने भारत आधारित 7 माइक्रोग्रैविटी प्रयोग किए, जो आने वाले ग्रह अभियानों और लंबे समय तक अंतरिक्ष में निवास की दिशा में अहम डेटा प्रदान करेंगे।

लगभग 22.5 घंटे की वापसी यात्रा के बाद, यह मिशन न केवल एक वैज्ञानिक सफलता बना बल्कि भारत को वैश्विक अंतरिक्ष मंच पर एक मजबूत दावेदार के रूप में भी स्थापित करता है। अब ग्रुप कैप्टन शुक्ला लगभग एक सप्ताह की मेडिकल रिकवरी के लिए पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण में अनुकूलन प्रक्रिया से गुजरेंगे।
