
झारखंड के आदिवासी नेता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक शिबू सोरेन का 4 अगस्त 2025 को निधन हो गया। उनकी आयु 81 वर्ष थी, और वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में उनका अंतिम समय बेटी-बेटों और परिवार वालों की मौजूदगी में शांतिपूर्ण रूप से बीत गया।

शिबू सोरेन ने आदिवासी समुदायों के उत्थान और सामाजिक न्याय के लिए जीवन भर संघर्ष किया। उन्होंने झारखंड राज्य गठन की लड़ाई का नेतृत्व किया और झामुमो की स्थापना की। तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे और केंद्रीय मंत्रिमंडल में कोयला मंत्री के रूप में भी कार्य किया। उनके योगदान ने राज्य की राजनीति और आदिवासी मुक्ति आंदोलन को स्थायी दिशा दी।

शिबू सोरेन के निधन से झारखंड भर में शोक की लहर दौड़ गई। राज्य सरकार ने राजकीय शोक की घोषणा की और मानसून सत्र स्थगित कर दिया गया। उनके अंतिम संस्कार को नेमरा गांव (रामगढ़) में राजकीय सम्मान के साथ संपन्न किया गया, जिसमें हजारों समर्थक, साथी नेता और आम नागरिक शामिल हुए।
