
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत जिले में बनाए गए 10 मिनी कोल्ड स्टोरेज बिजली की अनुपलब्धता के कारण शुरू नहीं हो सके। इन स्टोरेज यूनिट्स पर 2022-23 में कुल 3.20 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। योजना का उद्देश्य किसानों की सब्जियों और फलों को सुरक्षित रखकर उनकी आय में वृद्धि करना था, लेकिन जमीन पर बिजली कनेक्शन ही नहीं मिल पाया, जिससे ये कोल्ड स्टोरेज बेकार पड़े हैं।

इनमें से कई स्टोरेज भवनों में ताला लगा है, जबकि कुछ पर झाड़ियां उग आई हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है क्योंकि उन्हें मजबूरी में अपने उत्पाद औने-पौने दामों पर बेचना पड़ता है। प्रशासन ने बिजली विभाग को कनेक्शन देने के लिए कई बार पत्र लिखा, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है।

किसानों का कहना है कि आलू, प्याज, टमाटर जैसी फसलें जल्दी खराब हो जाती हैं और यदि स्टोरेज सुविधा मिलती तो वे बेहतर मूल्य पर बेच सकते थे। जानकारों का मानना है कि यदि बिजली की समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो यह पूरी योजना सिर्फ कागजों तक सीमित रह जाएगी और करोड़ों की राशि व्यर्थ चली जाएगी।
