
झारखंड में पर्यटन को एक नई दिशा देते हुए राज्य सरकार ने माइनिंग टूरिज्म की शुरुआत करने का फैसला किया है। झारखंड पर्यटन विकास निगम (JTDCL) और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के बीच पाँच साल का एमओयू साइन हुआ है, जिसके तहत आम लोग अब खदानों का भ्रमण कर सकेंगे। इस योजना का उद्देश्य है कि कोयला खनन से जुड़े आधुनिक तकनीक, प्रक्रिया और इतिहास को जनता के सामने लाया जाए।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि यह देश का पहला "माइनिंग टूर सर्किट" होगा, जिसमें रामगढ़, बोकारो, हजारीबाग और रांची ज़िले की चुनिंदा खदानों को शामिल किया जाएगा। पर्यटकों के लिए सेफ्टी गियर, गाइडेड टूर, इंफॉर्मेशन डिस्प्ले और खान-पान की व्यवस्था रहेगी। विशेष प्रशिक्षण प्राप्त गाइड खनन प्रक्रिया की जानकारी देंगे। पर्यटकों के लिए यह सेवा साल के 365 दिन और सप्ताह के सातों दिन उपलब्ध होगी, जिससे राज्य में रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।

राज्य में 79,714 हेक्टेयर से अधिक भूमि खनन क्षेत्र में आती है और यह योजना न सिर्फ राज्य की समृद्ध खनिज संपदा को सामने लाएगी, बल्कि पर्यावरणीय चेतना और सतत विकास के बारे में भी जागरूकता बढ़ाएगी। सरकार का मानना है कि यह पहल पर्यटन के साथ-साथ शिक्षा, अनुसंधान और नीति-निर्माण के क्षेत्र में भी उपयोगी सिद्ध होगी।
