
चितरा कोलियरी में पिछले 12 दिनों से कोयला ढुलाई पूरी तरह से ठप है, जिससे कोलियरी को करोड़ों रुपये का नुकसान हो चुका है। इस गंभीर स्थिति को लेकर यूनियन प्रतिनिधियों और कोल ट्रांसपोर्टिंग से जुड़े संगठनों ने बैठक कर जल्द समाधान की मांग की। मजदूर संगठनों ने स्पष्ट किया कि जब तक ट्रांसपोर्टिंग कार्य दोबारा शुरू नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

बैठक में यूनियन नेताओं ने कहा कि ट्रांसपोर्टिंग कार्य बंद होने से न केवल कोलियरी की आमदनी प्रभावित हुई है, बल्कि श्रमिकों की आजीविका भी संकट में आ गई है। यूनियन प्रतिनिधियों ने बताया कि कोयला उत्पादन तो हो रहा है लेकिन ट्रांसपोर्ट बंद होने के कारण भंडारण की भी समस्या खड़ी हो गई है। इससे न केवल स्थानीय स्तर पर अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि सरकार को राजस्व का भी भारी घाटा उठाना पड़ रहा है।

इस मामले को लेकर अब जिला प्रशासन, कोलियरी प्रबंधन और ट्रांसपोर्टर्स के बीच जल्द ही एक उच्चस्तरीय बैठक होगी। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि 22 जुलाई तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। सभी पक्षों से समाधान निकालने की अपील की गई है ताकि कोयला ढुलाई फिर से प्रारंभ हो और क्षेत्र की आर्थिक स्थिति सुधरे।
